Hindi poetry Fundamentals Explained

जग में आकर सबसे पहले पाई उसने मधुशाला।।२७।

प्यास बुझाने को बुलवाकर प्यास बढ़ाती मधुशाला।।६९।

ध्यान किए जा मन में सुमधुर सुखकर, सुंदर साकी का,

Some of these poems like "veer tum badhe chalo" and "Jhansi wali rani" were being inside our course at school...People days I learnt them by heart and even now when I recite never skip a word..

दे ले, दे ले तू मुझको बस यह टूटा फूटा प्याला,

कौन अपिरिचत उस साकी से, जिसने दूध पिला पाला,

किसमें कितना दम खम, इसको खूब समझती मधुशाला।।५६।

किसी ओर मैं आँखें फेरूँ, दिखलाई देता प्याला,

रंभा की संतान जगत में कहलाती 'साकीबाला',

रूठ रहा है मुझसे रूपसी, दिन दिन यौवन का साकी

देख रहा हूँ अपने आगे कब से कंचन का प्याला,

लिखा भाग्य में जैसा बस वैसा ही पाएगा प्याला,

लालायित अधरों से जिसने, हाय, नहीं चूमी हाला,

सुन, here कलकल़ , छलछल़ मधुघट से गिरती प्यालों में हाला,

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